मसूरी. एक बार फिर दुकानदार और प्राधिकरण के अधिकारी आमने सामने आ गए हैं. अवैध रूप से प्राधिकरण की दुकानों पर कब्जा किए दुकानदारों को खाली करने के आदेश देने पहुंचे अधिशासी अधिकारियों को दुकानदारों ने घेर लिया, और नई दुकानों का आवंटन न होने से पहले दुकाने न खाली करने की बात कही. जिससे अधिकारियों ने उन्हें सख्त लहजे में दुकानों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं.
अधिकारियों ने दुकानें खाली न करने पर उन्हें सील करने की चेतावनी भी दी है. आपको बता दें कि मसूरी के झूलाघर के पास विकास प्राधिकरण की दुकानें बनी हैं, जिनमें कई दुकानदारों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. इन्हीं अवैध कब्जेदारों से दुकानें खाली कराने के लिए विकास प्राधिकरण ने नगर पालिका परिषद को आदेश दिए हैं. तो वहीं पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह और व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल झूलाघर के अवैध दुकानदारों का समर्थन करने पहुंचे, और एमडीडीए की कार्रवाई का विरोध किया.
मसूरी झूलाघर स्थित मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित दुकानों पर कुछ लोगों द्वारा बिना प्राधिकरण के अनुमति के कब्जा किए जाने पर कार्रवाई करते हुए वीसी एमडीडीए द्वारा नगर पालिका परिषद अधिशासी अधिकारी को दुकानों को तत्काल खाली कराकर सील करने के निर्देश दिए गए हैं. जिस पर अमल करते हुए अधिशासी अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ झूलाघर पहुंचे और बिना अनुमति के दुकान पर कब्जा किए गए दुकानदार को तत्काल दुकान खाली करने के निर्देश दिए गए. जिसका समस्त झूलाघर के दुकानदारों ने जमकर विरोध कर अधिशासी अधिकारी का घेराव कर डाला और पालिका और एमडीडीए प्रशासन वर उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. वहीं उन्होंने कहा कि अगर जल्द उनको दुकानें आंवटित नहीं की जातीं तो वह एमडीडीए और पालिका प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिये मजबूर होंगे.
पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल और व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल झूलाघर के दुकानदारों का समर्थन करने पहुंचे और उनके द्वारा एमडीडीए द्वारा की जा रही कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की गई.
पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने बताया कि उनके कार्यकाल में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के साथ एग्रीमेंट किया गया था कि वह झूलाघर का सौंदर्यीकरण के साथ दुकानों का निर्माण करेंगे व इसके बदले उनको पालिका द्वारा भूमि आवंटित की जाएगी. उन्होंने कहा कि 2015 से झूलाघर का निर्माण शुरू किया गया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ है. जिस कारण झूलाघर में कई दशकों से दुकान के माध्यम से रोजगार कर रहे लोग बेरोजगार हो रखे हैं और ऐसे में दुकानदारों द्वारा नवनिर्मित दुकाने खोली गई हैं. जिससे उनकी रोजी-रोटी चल सके परंतु मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा दुकानों को तत्काल खाली कराकर सील करने के निर्देश दिए हैं जो नियमानुसार गलत है.
उन्होंने कहा नगर पालिका और एमडीडीए के बीच उत्पन्न विवाद का खामियाजा दुकादारों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि 2018 में उनके द्वारा झूलाधर की दुकानें पूर्व में झूलाघर में काम कर रहे लोगों को आवंटित कर दी गई थीं. नगर पालिका परिषद अधिशासी अधिकारी एमएल शाह ने कहा कि झूलाघर का निर्माण अभी पूरी तरीके से नहीं हुआ है और ऐसे में कुछ लोगों द्वारा नवनिर्मित दुकान पर कब्जा कर लिया गया है. जिसका संज्ञान लेते हुए वीसी एमडीडीए द्वारा दुकानों को तत्काल खाली कराकर सील करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके अनुपालन पर वह यहां पहुंचे हैं ऐसे में पूर्व पालिकाध्यक्ष और वर्तमान पालिकाध्यक्ष द्वारा वीसी एमडीडीए से वार्ता कर रहे हैं. जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि पालिका प्रशासन द्वारा झूलाघर की दुकानें किसी को भी आवंटित अभी तक नहीं की गई हैं. मसूरी व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी नगर पालिका प्रशासन और एमबीए के बीच झूलाघर को लेकर उपजे विवाद का खामियाजा दुकानदार भुगत रहे हैं. ऐसे में पालिका और एमडीडीए को बैठक कर जल्द इस मामले को सुलझा कर दुकानदारों को दुकानें आवंटित कर देनी चाहिए. जिससे उनकी रोजी रोटी चल सके.
उन्होंने कहा कि अगर इस मामले को जल्द नहीं सुलझाया जाता तो समस्त दुकानदार पालिका प्रशासन और एमडीडीए के खिलाफ सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे जिसका खामियाजा दोनों विभाग के अधिकारियों को भुगतना होगा. झूलाघर के दुकानदारों का कहना है कि 2015 में नगर पालिका द्वारा उनको हटाकर पक्की दुकानें देने का वादा किया गया था और 6 महीने का समय मांगा गया था परंतु दुर्भाग्यवश आज 4 साल पूरे होने को आ रहे हैं परंतु न दुकान का पता है और न ही झूलाघर का. ऐसे में अगर वह नवनिर्मित दुकान पर कब्जा न करें तो क्या करें. क्योंकि 4 साल से वह अपने घर परिवार को कैसे चला रहे हैं.
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